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खूबसूरत मोहब्बत पार्ट-3

खूबसूरत मोहब्बत पार्ट-3









नेहा यही सब सोचते हुए उठकर अपने रूम में आ जाती है और उधर तन्वी किचन में खड़ी आदित्य के बारे में सोचती है और खुद से ही बोलती है "क्यों किया आदित्य तुमने मेरे साथ ऐसा क्या गलती थी मेरी.....बस इतनी सी कि मैंने तुमसे बिना शर्त बेइंतेहा प्यार किया था और तुमने मुझे क्या दिया.....मेरा सब कुछ छीन लिया तुमने मुझसे क्या मिल गया मुझे तड़पा कर।
इतने में नेहा भी फ्रेश होकर किचन में आ जाती है और तन्वी को कही खोया देखकर उसके कंधे पर हाथ रखकर बोलती है...."दीदी कहा खो गए आप?"
तन्वी अपनी सोच से बाहर आते हुए- कही भी नही चल खाना खा ले।

फिर नेहा और तन्वी मिल कर खाना खाती हैं और दोनों अपने अपने कमरों में सोने चली जाती है।

उधर वो इंसान अपने आंसू पुछ कर खड़ा हो जाता है और उस फोटो को अपने सीने से लगा लेता है कुछ देर उसी तरह खड़े रहने के बाद वो उस फोटो को अपनी जगह पर रखकर बाहर आ जाता है!!!



वहीं अभिजीत अगले दिन कृष्णा टावर में पहुंचता है और वहां जाकर वहां का हालत देखकर उसके होश उड़ जाते है।
वो वहा पर अपने आदमियों से पूछता है लेकिन किसी को कुछ पता नहीं रहता है सब ना में अपना सर हिला देते है......

अभिजीत का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच जाता है और वो वहा खड़े लोगो पर चिल्लाता है "दफा हो जाओ सबके सब यहाँ से"
सब लोग वहां से जाने में ही अपनी भलाई समझते है......

सबके जाने के बाद अभिजीत अपने किसी आदमी को कॉल करता है और उससे आज के cctv फोटोज मंगवाता है और जल्दी ही अपना काम करने के लिए कहता है और फ़ोन काट कर वह खड़ा होकर कुछ सोचने लगता है।
और वहा से निकल कर अपनी गाड़ी में बैठकर घर के लिए निकालता है.....



नेहा सुबह उठती है और अपनी एक्टिवा लेकर अपने ऑफिस के लिए निकलती है और तन्वी भी अपने कॉलेज के लिए निकल जाती है....

(नेहा एक ट्रांसपोर्ट कंपनी की मैनेजर है और वही तन्वी एक कॉलेज में लेक्चरर है......दोनों बहनें अच्छा खासा कमा लेती है और एक नार्मल लाइफ  स्पेंड करती है)

वहीं अभिजीत कृष्णा टावर से अपने घर आ रहा होता है और सामने से उसकी कार किसी से टकरा जाती है और वो बहुत तेजी से ब्रेक मारता है और बहार निकल कर देखता है तो सामने एक लड़की गिरी हुए होती है वो उसके पास जाता है और उसको उठता है और पूछता है आपको कही लगी तो नहीं

तो वो लड़की अपने कपड़ो को झाड़ते हुए बोलती है नही इट्स ओके आईएम फाइन और मेरी मदद करने के लिए धन्यवाद....

अभिजीत सोचता है मैने तो सुना था लड़कियां कभी अपनी गलती नहीं मानती और हमेशा लड़कों के ही सर लगा देती है सारा इलज़ाम लेकिन यहाँ तो उल्टा है.....
अभिजीत उसको छोड़ते हुए बोलता है आपने मुझे कुछ सुनाया नहीं वरना तो अक्सर लड़कियां लडको को ही कसूरवार ठहराती भले ही सारी गलती उनकी हो.....
वो लड़की ये सुनकर बोलती है नही ऐसा नही है ग़लती हम दोनों की ही है एक्चुअली मेरा ध्यान कहीं और था और ये एक्सीडेंट हो गया.....
अभिजीत बोलता है इट्स ओके आप ठीक हो यही अच्छी बात है।
वो लड़की बोलती है नही इसकी जरुरत नहीं है
वैसे आपको थैंक्स....
अभिजीत समझने की कोशिश करते हुए - थैंक्स किसलिए??
नेहा टेढ़ा मुंह बनाते हुए- क्योंकि आपने थोड़ा धीरे मारा अगर थोड़ा भी तेज से मारते तो मेरे हाथ पैर टूट जाते और अपने मेरे हाथ पैर टूटने से बचा लिए और इतना बोलकर वो हंसने लगती है।

अभिजीत भी ये सुनकर जोर से हँस देता है।

नेहा ने अपना एक हाथ आगे बढ़ाते हुए पूछा - वैसे आपका नाम क्या है? कम से कम अपनी मदद करने वाले का नाम तो जान लूं।

अभिजीत ने उसकी तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा- मेरा नाम अभि......(इतना ही बोलता है कि अभिजीत का फ़ोन बजता है और वो कॉल अटेंड करता है और कुछ बातें करके फ़ोन रख लेता है)

फिर नेहा बोलती है अच्छा तो मैं चलती हूँ मुझे लेट हो रहा है फिर कभी मिलते है और वो अपनी एक्टिवा उठाकर वहां से निकल जाती।
अभिजीत भी अपनी गाड़ी में बैठकर अपने घर चला जाता है।

नेहा अपने ऑफिस में बैठी "अभि" के बारे में सोचती है कितनी खुबसूरत आईज है यार उसकी एक दम गहरी काली ऑंखें।
फिर नेहा सोचती है छोड़ यार अपने ये सपने देखने और काम पे ध्यान दे.........
कुछ देर बाद नेहा किसी को कॉल करती है और बोलती है अभिजीत सिंह ठाकुर के बारे में कुछ पता चला?
उधर से आवाज आयी- जी मैडम वो आया था अपनी कंपनी में और बहुत गुस्से में भी लग रहा था ।

नेहा ओके बोलकर फ़ोन काट देती है।
अब देखती हूँ अभिजीत सिंह ठाकुर तू किस शेर की औलाद है तू नहीं जानता तूने किससे पंगा लिया है अभी तो सिर्फ तेरी बर्बादी को शुरुवात है आगे आगे देख क्या होता है।
"जिस घमंड को तू गुरुर कहता है,
उसे तोड़ देना ही मेरा मकसद है!
घमंड तो ना चला रावण का भी आखिर,
एक दिन टूटा वो भी राम के हाथों से!!"

वहीं अभिजीत अपने घर जाता है और कल के ऑफिस के बाहर के सीसीटीवी फोटोज देखने लगता है लेकिन उससे उसमे कुछ भी नही मिलता है और अभिजीत गुस्से में अपना हाथ टेबल पर दे मारता है और चिल्लाता है "ऐसा कैसे हो सकता है ऐसा नहीं हो सकता है तुम जो कोई भी हो मुझसे सौदा करना बहुत महंगा पड़ेगा तुमको!!!! कितनी मुश्किल से सीक्रेट कैमरे की फोटोज मंगवाई थी और तुमने उनको भी चकमा दे दिया। लगता है बहुत चालाक और पहुंचे हुए इंसान हो तुम। लेकिन कोई बात नही ऐसे लोगो की अकल ठिकाने लगाना बखूबी आता है मुझे।"

कुछ देर बाद अभिजीत अपने घर से निकलता है और अपनी "A.S. international Company" में जाता है......
अभिजीत वहा जाकर ऑफिस में बैठ जाता है और कल के बारे में सोचता रहता है फिर अचानक ही उसे सुबह वाली बात याद आ जाती है और वो उस लड़की के बारे में सोचने लगता है और बोलता है यार मैंने तो उसका नाम भी नहीं पूछा........

वही सोच में गुम बैठा रहता है की अचानक से कोई डोर नॉक करता है जिससे अभिजीत अपनी सोच से बाहर आता है और उस इंसान को कम इन बोलता है

अंदर आकर वो आदमी-  सर मुझे ये जॉब छोड़ना पड़ रहा है मेरी पर्सनल मज़बूरी के कारण तो ये मेरा रेसिग्नेशन लेटर है सर प्लीज साइन कर दीजिये और सो सॉरी सर मेरी सीसीटीवी कैमरे की लापरवाही के लिए। आपने मुझे उसके लिए माफ करके बहुत बड़ा एहसान किया है। लेकिन मैं मजबूर हूं इसलिए ये जॉब छोड़ रहा हूं।

अभीजीत ये सुनकर एक पल के लिए कुछ सोचता है और उस आदमी से बोलता है- क्या मज़बूरी है तुम्हारी क्या तुम मुझे बता सकते हो?

वो आदमी दुखी होते हुए - सर मेरे मॉम डैड लखनऊ शिफ्ट होना चाहते है तो मुझे ये जॉब छोड़ना पड़ेगा उन्होंने बोला है कि वही कोई नया जॉब ज्वाइन कर लेना।

अभिजीत ने शांत लहजे में कहा - अगर मै तुम्हे मेरी लखनऊ वाली कंपनी में ही ये मैनेजर का पोस्ट ऑफर करू तो?

वो आदमी खुश होते हुए - थैंक यू सर थैंक यू सो मच सर..... मैं कैसे आपका एहसान चुकाऊँगा मुझे समझ नही आ रहा है आप सबके बारे में कितना सोचते है सर मुझे वहा जॉब ढूंढने में बहुत प्रॉब्लम होता लेकिन आपने तो मेरी सारी प्रॉब्लम सॉल्व कर दिया।थैंक्यू सर आपका बहुत बहुत थैंक यू सर.......! मुझे यकीन नही हो रहा मेरी इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी आपने मेरा इतना ख्याल रखा।

अभिजीत ने एक लेटर उसको देते हुए कहा - तुम्हे वहा जाकर भी ईमानदारी से अपना काम करना होगा जैसे तुमने यहाँ किया है और हां ऐसी लापरवाही नहीं चलेगी वहां। तुमने वाकई में बहुत अच्छा काम किया है इसलिए सिर्फ एक लापरवाही की वजह से निकालना ठीक नही होगा। और बड़ी बड़ी गलतियां करो तब निकालूंगी।" अभिजीत ने हंस कर कहा।

वो आदमी हाथ जोड़ कर थैंक यू सर! मैं आगे से ध्यान रखूंगा, कभी शिकायत का मौका नहीं दूंगा।

अभिजीत- ठीक है अब तुम जा सकते हो।

वो आदमी वहां से चला जाता है।

अभिजीत उस महीने की रिपोर्ट देखने लग जाता है उस कंपनी का। और मैनेजर पोस्ट के लिए एक नोटिस निकालता है और उस नोटिस को पेओन को बोल कर नोटिस बोर्ड पर लगवा देता है और एक नोटिस नेक्स्ट डे न्यूज़ पेपर में छपवाने के लिए अपने एक आदमी को देता है और कुछ थोड़े बहुत काम करके वहाँ से अपने घर चला जाता है।

वहीं नेहा भी शाम को ऑफिस से घर आ जाती है और अपने रूम में जाकर चेंज करने लग जाती है।
तभी तन्वी भी कॉलेज से घर आ जाती है और बैग रख अपने रूम में जाती है और चेंज करके नीचे आती है

निचे आकर देखती है कि नेहा कुछ उदास बैठी है तो वो उसके पास जाकर उससे पूछती है आज क्या हुआ मेरी जान को आज भी किसी को दिन में तारे दिखा कर आई हो क्या....... और जोर जोर से हंस ने लगती है

नेहा भी तन्वी के कंधे पर अपनी कोहनी मार कर - क्या दी आप भी मैं खुद से जाकर नहीं करती लोग आते है मेरे पास अपनी बैंण्ड बजवाने

और ये सुनकर तन्वि भी जोर जोर से हसने लग जाती है

तभी सुनीता उनका खाना लगा देती है और वापस किचन में चली जाती है नेहा खाना खाकर बोलती है वाह क्या खाना बना है आज तो एकदम लाजवाब ........
(सुनीता उनके घर की मेड है और सुनीता की फॅमिली में कोई नहीं रहता क्युकी उसकी एक बेटी है जो कि उसको अकेला छोड़ कर चली गयी अपने पसंद के लड़के के साथ शादी करके इसलिए वो यही रहती है और नेहा तन्वी भी उनको बड़ी माँ कहती है और उनकी इज्जत करती है और उनकी जरूरतों का ख्याल रखती है)
सुनीता भी आ जाती है और नेहा उन्हें अपने पास बिठा लेती है और सब साथ में खाना खाते है।

उधर अभिजीत भी घर जाकर खाना खाता है और काका से थोड़ा बात करके सोने चला जाता है।
(अभिजीत के पास फॅमिली के नाम पर कोई भी नहीं है बस काका है जो उसका ख्याल रखते है...... अभिजीत सिंह ठाकुर अलवर शहर का जाना माना नाम है और न सिर्फ अलवर बल्कि पुरे इंडिया में उसका बिसनेस फैला हुआ है और हर तरह के बिसनेस में माहिर है न जाने कितनी ही कम्पनीज का मालिक है)

क्रमश:........🐬🌞


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4 Comments

Sana khan

28-Aug-2021 06:15 PM

Amazing

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Fiza Tanvi

27-Aug-2021 12:06 PM

Behtarin

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very nice...

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